दर्द में हूं, मैं दर्द लिखता हूं
ख़ामोश हूं, मैं खामोशियां लिखता हूं
इक आग बसी है सीने में
मैं कागज़ों में राख़ लिखता हूं
अश्क जो छुपा रहा हूं आंखो में
मैं उन अश्कों की गहराईयां लिखता हूं
कल शाम मैंने भरी जो सिसकियां
मैं उस शाम की सिसकियां लिखता हूं
जो कह नही सकता हूं तुमसे
मैं उन अल्फाजों की कहानियां लिखता हूं
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