कभी तो हमारी कदर होगी
कभी तो हम याद आएंगे,
बहुत दूर पाओगे हमे
जब हम जैसा ना कहीं पाओगे।।
उस दिन उस दिन बस खोजना मुझे
मै कही ना कहीं तो मिलूंगा,
तुम्हारी याद में खोया हुआ तुम्हारे
इंतज़ार में खड़ा हुआ।।
हिजर में पड़ा हुआ,टूटा हुआ तुम्हारे से
तुम हस्ती खेलती अपनी दुनिया में,
मेरी मोहब्बत का मज़ाक बनाया था तुमने, तुम्हें याद आयेगा, तुम्हें मेरा मनाना याद आयेगा ,तुम्हे मेरा हसाना
याद आयेगा तुम्हे मेरा गुस्सा भी,याद आयेगा मेरा तुम्हे चाहना भी।
समझोगी जब मुझे तो खोया हुआ पाओगी
कीमत कदर तब शायद कर पाओगी
लेकिन खोया हुआ पाओगी मुझे
अपनी याद में अपने ही जज्बात में
मै हमेशा लिखूंगा,तुम्हे हर तरफ
हर कागज पर,हर लफ्ज़ में
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