हुक्म गुज़ार अब नही
वो मन की बात अब नही
कोई एहसास अब नहीं
दिल में कोई राज़ अब नही-
काश क्यों न हम फिर मिल पाते
पहली बार की तरह.....
वो हाथे फिर से जुड़ते
पहली एहसास की तरह......
आंखे फिर मिल शरमाती
पहली इकरार की तरह.....
काश वो दिल फिर धड़क पाती
पहली बार की तरह ....
वो सब पहली प्यार की तरह....-
जिंदगी के भी मोहब्बत-ऐ-दस्तूर देखो
कभी किसी के बात न करने से
जो रूह तबाह हो जाया करती थी
आज उसे किसी और का होते देख भी
चेहरे पर मुस्कान हासिल रहती है-
इश्क़ हो गया है तुमसे
मेरी इश्क़ बनोगे क्या
नायाब तरीके का आशिक़ हूँ
तुम भी मुझसे इश्क़ करोगे क्या...-
ज़िन्दगी में सबकुछ खोकर
किसी को पाने की चाह में
मैंने ज़िन्दगी ही खो दी......-
मैं सबसे बैर कर लूं
तेरे खातिर.....
तू एक बार साथ तो दे
मेरे खातिर .....-
तुम मेरा ख्वाब बनोगे
मैं ख्वाबो की ताबीर बन जाऊंगा
तुम मुझसे थोड़ा इश्क़ करोगे
मैं उस इश्क़ की साजिश बन जाऊंगा
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बीत गए कई होली रंगों में
पर इस बार के रंगों में..... हम नही
बेरंग सा खेल है... इस होली में
जैसे कि इस होली में..... हम नही
यादें रंगों की........-
तेरे आंखों में खोजाऊ
तेरे सपनो में बेह जाऊ
तेरे सांसो में बस जाऊ
ऐ - मोहब्बत तू अपना बना
तेरे धडकन की
आंखरी सांस बनकर में रेह जाऊ....❣️
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मोहब्बत में सलाह हमेसा उनसे ले
जो रूह के मोहब्बत से रुबरु हो
ना ही जिस्म के-