सुनों,तुम्हारी दीवानी सांसे लबों पर ही नही रुकती,चाशनी में घुल कर,रेशे रेशे सुर्ख गुलाबी कर जाती हैं,तुम्हारे बिना भी रूमानी कर जाती है मुझे। - Vartika Tripathi (Veronica)
सुनों,तुम्हारी दीवानी सांसे लबों पर ही नही रुकती,चाशनी में घुल कर,रेशे रेशे सुर्ख गुलाबी कर जाती हैं,तुम्हारे बिना भी रूमानी कर जाती है मुझे।
- Vartika Tripathi (Veronica)