17 DEC 2017 AT 20:54

उनकी यादों को तो हमने अल्फाज़ो में सजाया है
उनकी शायरीयों को भी अपनी रूह में बसाया है
उनके सपनों ने ही तो मेरे उम्मीदों को जगाया है
हाँ ये सच है कि सूरत से वो अजनबी कह गए हमें
पर हमने तो उनकी सीरत देख उन्हें अपना बनाया है

- Vande©