किसी नयी किताब के कोरे पन्ने जैसी थी,हाँ! अधूरे सपने जैसी थी। - असद अकबराबादी
किसी नयी किताब के कोरे पन्ने जैसी थी,हाँ! अधूरे सपने जैसी थी।
- असद अकबराबादी