अकड़, धौंस, ऐंठ रखते हो आखिर क्या चाहने वाले होअपनी कब्र-ए-मुकद्दर तक क्या खुद चल कर जाने वाले हो - असद अकबराबादी
अकड़, धौंस, ऐंठ रखते हो आखिर क्या चाहने वाले होअपनी कब्र-ए-मुकद्दर तक क्या खुद चल कर जाने वाले हो
- असद अकबराबादी