पड़ोस की काकी के बच्चे अब हमारे यहां नहीं आतेना ही मोहल्ले में अब पानी की कच-कच सुनाई पड़ती हैऊँची इमारतें आस्मां को छू चली हैं - “अन्ज़ान” Vaibhav
पड़ोस की काकी के बच्चे अब हमारे यहां नहीं आतेना ही मोहल्ले में अब पानी की कच-कच सुनाई पड़ती हैऊँची इमारतें आस्मां को छू चली हैं
- “अन्ज़ान” Vaibhav