बहुत से दोस्त हैं फिर भी,तुम #खुदरंग लगते हो, जिंदगी चारबाग़ के भीड़ जैसी है, तुम #शाम-ए- हजरतगंज लगते हो, - poeticPsychiatrist
बहुत से दोस्त हैं फिर भी,तुम #खुदरंग लगते हो, जिंदगी चारबाग़ के भीड़ जैसी है, तुम #शाम-ए- हजरतगंज लगते हो,
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