19 NOV 2017 AT 2:39

बहुत से दोस्त हैं फिर भी,
तुम #खुदरंग लगते हो,
जिंदगी चारबाग़ के भीड़ जैसी है,
तुम #शाम-ए- हजरतगंज लगते हो,

- poeticPsychiatrist