18 MAR 2018 AT 9:57

एक उमीद से दिल बेहलता रहा..और ज़िन्दगी यूही गुजरती रही...
तुम लौट कर आओगे...इसी राह में हमारी सांसे चलती रही...

- उर्वशी राठौर