जो कह ना सके, वो आज लिख दूं,
या दिल में जो है, वो राज लिख दूं
टूटे हुए सपनों का, आगाज लिख दूं
या अधूरे ख्वाबों का, अंजाम लिख दूं
जो साथ रहे, उनका नाम लिख दूं
या जो छोड़ गये, उनके खिलाफ लिख दूं
जो दर्द दिया, उसे बेहिसाब लिख दूं
या जो छुपा लिया, उसे बोझिल ख्वाब लिख दूं
हकीकत ऐसे कहूँ, कि दिल के पार लिख दूं
कहो तो दो पक्तियों में, मैं जीवन का सार लिख दूं
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