ज़रा बैठे हैं उनकी यादों की याद में...और ये तन्हाई की रात, और लंबी होती जा रहीज़रा गुम हैं उनकी बातों की बात में...और ये तन्हाई की रात, और तन्हा करती जा रही -
ज़रा बैठे हैं उनकी यादों की याद में...और ये तन्हाई की रात, और लंबी होती जा रहीज़रा गुम हैं उनकी बातों की बात में...और ये तन्हाई की रात, और तन्हा करती जा रही
-
सारा शहर धुल गया इस बारिश मेंलगता है सावन आने को हैआँखें भीग गई इस घर में लगता है कोई अपना जाने को है -
सारा शहर धुल गया इस बारिश मेंलगता है सावन आने को हैआँखें भीग गई इस घर में लगता है कोई अपना जाने को है
तुम बस हाथ थामे रहना सफ़र तक चलते–चलते यूंही कोई थम जाएगा एक दिनफिर ना कोई ज़िंदगी होगी, ना कोई सुहाना सफ़र -
तुम बस हाथ थामे रहना सफ़र तक चलते–चलते यूंही कोई थम जाएगा एक दिनफिर ना कोई ज़िंदगी होगी, ना कोई सुहाना सफ़र
कभी रो दिया करते थे एक खिलौने के लिएआज तन्हाई में भी मुस्कुरा दिया करते हैंकभी हँसते–खेलते जाम पे जाम पी लिया करते थेआज मुस्कुराकर सारे ग़म पी लिया करते हैंकभी अपनों के साथ शाम गुजर जाया करती थीआज वक्त गुजर गया, हम ठहर से गए हैंऔर तो और...यकीं होता नहीं झूठी सी एक दिन अपनी ज़िंदगी हो जाएगी -
कभी रो दिया करते थे एक खिलौने के लिएआज तन्हाई में भी मुस्कुरा दिया करते हैंकभी हँसते–खेलते जाम पे जाम पी लिया करते थेआज मुस्कुराकर सारे ग़म पी लिया करते हैंकभी अपनों के साथ शाम गुजर जाया करती थीआज वक्त गुजर गया, हम ठहर से गए हैंऔर तो और...यकीं होता नहीं झूठी सी एक दिन अपनी ज़िंदगी हो जाएगी
ये तिरंगा है इस वतन कावतन के हम हैंये महज कपड़ा नहीं, कफन है जवान काखून से सींचा जिसने सारा हिंदुस्तान है..... -
ये तिरंगा है इस वतन कावतन के हम हैंये महज कपड़ा नहीं, कफन है जवान काखून से सींचा जिसने सारा हिंदुस्तान है.....
हमें उस पल का बेसब्री से इंतज़ार है....उसे तो हमारी चाहत का अंदाजा तक नहीं 🙃 -
हमें उस पल का बेसब्री से इंतज़ार है....उसे तो हमारी चाहत का अंदाजा तक नहीं 🙃
सहनशीलता की मूरत हो, अपनों की जान होफिर हर मोड़ पर अलग-अलग किरदार क्यों निभाती हो? सुनो, तुम्हारी मुस्कान ही तुम्हारी पहचान है🙂फिर इस मुस्कान के पीछे, खुद के सपने क्यों छुपाती हो? तुम्हारे वजूद के बिना ये धरती, धरती नहीं बंजर ज़मीं हैतुम नारी हो, तुम्हें किस चीज़ की कमी है....? -
सहनशीलता की मूरत हो, अपनों की जान होफिर हर मोड़ पर अलग-अलग किरदार क्यों निभाती हो? सुनो, तुम्हारी मुस्कान ही तुम्हारी पहचान है🙂फिर इस मुस्कान के पीछे, खुद के सपने क्यों छुपाती हो? तुम्हारे वजूद के बिना ये धरती, धरती नहीं बंजर ज़मीं हैतुम नारी हो, तुम्हें किस चीज़ की कमी है....?
बात इतनी सी थीके बातों ही बातों में, कुछ बात हो गईफिर क्या.... अब बात नहीं होती 🙂 -
बात इतनी सी थीके बातों ही बातों में, कुछ बात हो गईफिर क्या.... अब बात नहीं होती 🙂
दुआ माँगते-माँगते सब्र करना सीख लिया सब्र करते-करते ज़िंदगी जीना सीख लिया -
दुआ माँगते-माँगते सब्र करना सीख लिया सब्र करते-करते ज़िंदगी जीना सीख लिया
वो अमीर, रोटी फेंककर अपनी रईसी झाड़ रहे थे... हम गरीब, बस दो वक़्त की रोटी बिना मर रहे थे.... -
वो अमीर, रोटी फेंककर अपनी रईसी झाड़ रहे थे... हम गरीब, बस दो वक़्त की रोटी बिना मर रहे थे....