रिश्तों को लोग ना जाने क्यों..शीशे जैसा बतलाते हैंशीशा तो ..टूटकर चुभता हैये तो बिन टूटेचुभ जाते हैं - Taru
रिश्तों को लोग ना जाने क्यों..शीशे जैसा बतलाते हैंशीशा तो ..टूटकर चुभता हैये तो बिन टूटेचुभ जाते हैं
- Taru