22 NOV 2017 AT 9:56

रिश्तों को लोग
ना जाने क्यों..
शीशे जैसा
बतलाते हैं
शीशा तो ..
टूटकर चुभता है
ये तो बिन टूटे
चुभ जाते हैं

- Taru