26 MAY 2018 AT 9:19

हर एक जाम उनके नाम..
नज़रें आज भी तलाशती है..
उनको सुबहों शाम ..
ना मिलने पे उस पगली के..
बस चाहिए जाम पे जाम..
...
इतनी पीने कि बाद भी,
अब चढ़ती नहीं है मुझे..
ना जाने कैसा अजब नशा,
वो पगली दे गयी है मुझे..

- Teksingh