कोई मेरी चीज़ पर अपना हक़ जताये, ये गँवारा नहीं मुझको,तुम तो फ़िर भी जान-ए-मयस्सर हो मेरी "अफरा"... - मयस्सर
कोई मेरी चीज़ पर अपना हक़ जताये, ये गँवारा नहीं मुझको,तुम तो फ़िर भी जान-ए-मयस्सर हो मेरी "अफरा"...
- मयस्सर