एक उम्र जला है मोहब्बत की तपिश में वो सख्स जो आंखों में जुगनू लिए फिरता है!!सारी खुशियां कैद है किस्मत की मुठ्ठी मेंइंसान है कि फिर भी आरजू लिए फिरता है!!मिट्टी का खिलौना है और कुछ भी नहीये सांसे जो इस जिस्म में तू लिए फिरता है!! - Sudhir Sirohi
एक उम्र जला है मोहब्बत की तपिश में वो सख्स जो आंखों में जुगनू लिए फिरता है!!सारी खुशियां कैद है किस्मत की मुठ्ठी मेंइंसान है कि फिर भी आरजू लिए फिरता है!!मिट्टी का खिलौना है और कुछ भी नहीये सांसे जो इस जिस्म में तू लिए फिरता है!!
- Sudhir Sirohi