20 JUL 2018 AT 22:52

एक उम्र जला है मोहब्बत की तपिश में
वो सख्स जो आंखों में जुगनू लिए फिरता है!!

सारी खुशियां कैद है किस्मत की मुठ्ठी में
इंसान है कि फिर भी आरजू लिए फिरता है!!

मिट्टी का खिलौना है और कुछ भी नही
ये सांसे जो इस जिस्म में तू लिए फिरता है!!

- Sudhir Sirohi