19 JUN 2018 AT 17:23

चिलचिलाती धूप में, कड़कड़ाती शीत लिखूंगा मैं...
प्रीत की याद में, गीत लिखूंगा मैं!
लाखों दफ़ा हार कर भी, मिली जो जीत लिखूंगा मैं...
प्रीत की याद में, गीत लिखूंगा मैं!
ऋतु वसंत में, फ़ाग के गीत लिखूंगा मैं...
प्रीत की याद में, गीत लिखूंगा मैं!
हर युग में, असत्य पर सत्य की जीत लिखूंगा मैं...
प्रीत की याद में, गीत लिखूंगा मैं!
पुष्पों की बगिया में, प्रणय के मीत लिखूंगा मैं...
प्रीत की याद में, गीत लिखूंगा मैं!
तन्हा रातों में, याद कर बहाये नेत्रनीर लिखूंगा मैं...
प्रीत की यादों में, गीत लिखूंगा मैं!

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