तिमिर की दुशाला ओढ़े फिर चाँद को निगले रात आई हैनादान है जो मुझमें पल रहे दर्द के अंधेरे को देने मात आई है!! - Tanu Srivastava "सखी"
तिमिर की दुशाला ओढ़े फिर चाँद को निगले रात आई हैनादान है जो मुझमें पल रहे दर्द के अंधेरे को देने मात आई है!!
- Tanu Srivastava "सखी"