कुछ बातें जो कही नहीं अनकही ही रहने दो। कुछ ख्वाहिशें जो न हो पूरे उन्हें आधा ही छोड़ दो। कुछ रहते रहते बन जायें कुछ बनते बनते रह जायें, सारे सपनें जो पूरे हो जायें हर एक दुआ कबूल हो जायें जिंदगी जो मुह मांगी मिल जायें तो भला उसे जियोगे किस ख़ातिर?
তাই তারই হাত ধরে রাত পোহালো, হয়তো আবার হবে সেই মধুময় ভুল তার হাতে তুলে দেওয়া চুরি করা দুটো ফুল, দিনে দিনে কাজে মন লাগা হলো ভার যেন রঙে রঙে ছোঁয়া লেগে আছে তার, সারাদিন রাতে ভাবি বসে তার কথা আজ জীবন জুড়ে যেন শুধুই রূপকথা।
चारों तरफ मौत छाई हुई है निकलना बंद है घर से, न जाने कौनसी हवा क़ातिल हो खिड़कियां भी बंद है इस डर से। अब पता नहीं किस दिन हाथ धो बैठूँ जान से, जो हर सुबह आपको देखूँ तो दिन गुजरेंगे शान से।
জীবনের এই পর্যায়ে, সোনার হরিণের পেছনে আর না দৌড়ে, চলো জীবনটাকেই সোনা দিয়ে মুড়িয়ে দিই। না পাওয়াটা না পাওয়াই একটা পাওয়া। নিজেকে খুঁজে পাওয়ার প্রথম ধাপ ॥