QUOTES ON #फ़ज़ल

#फ़ज़ल quotes

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7 JUN 2020 AT 8:08

रातभर भीगता रहा तकिया आंखों की नमी से,
कोई क्यों कर यूँ इतना बेहिसाब याद आता है?

दरवाजे पर हर दस्तक पर दिल धड़क जाता है,
कोई क्यों किसी का यूँ बेसबब इंतजार रहता हैं?

इबादत में सर झुकता है रब को सजदा के लिए,
कोई क्यों ख़ुदा की जगह वो ही नजर आता है?

मिलने से पहले सोचते है करेंगें बेशुमार यूँ गुफ्तगू,
कोई क्यों कर रूबरु होते खामोश हुआ जाता है?

तकाजा है कि जियारत करें तो कुछ फ़ज़ल मिले,
कोई क्यों उसे उसका आगोश ही हज लगता है?

हर पीर, नजूमी का फरमान है कि कोई चारा करें,
कोई क्यों कर उसकी बांहे मन्नत का धागा लगता है?

खबर है उसे, नहीं हो पाएंगे एक इस जिंदगानी में,
कोई क्यों कर "राज" नाउम्मीद में उम्मीद रखता है? Mr Kashish

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9 APR 2022 AT 1:19

आंखे मेरी लाल है , आंखो की नमी ,, कम नही होती
ऐ खुदा अब आप ही करे अपना फ़ज़ल ,, क्योंकि तेरे ही बनाए हुआ लोग बैरी बन बैठे

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8 MAY 2021 AT 13:53

मुझको क्या है इसका तक़ाज़ा
मैं ग़ालिब या फ़ज़ल पढ़ूँ
तू इनको पढ़ता चल यारा
मैं बस तेरी ग़ज़ल पढ़ूँ

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16 DEC 2020 AT 2:38

अब अहद-ए-अज़ल आने को है..,

मेरा दौर-ए-फ़ज़ल आने को है..।।
😊😊

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21 JUN 2020 AT 5:08

जिंदगी के उदास कागज पर ,
◆ तुमने खुशियों की गजल लिखी है ◆

जैसे रब ने हमारी किस्मत में ,
◆ अपनी ख्वाहिश से फ़ज़ल लिखी है ◆

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16 SEP 2022 AT 11:30

मेरी बेरी के बेर मत तोड़ो लोंगो वो मुझसे नाराज़ हुई बैठी है
मानने की कोशिश कैसे करू वो मुझसे चेहरा छुपाए बैठी है

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