QUOTES ON #ज़ख़्म

#ज़ख़्म quotes

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6 JUN 2019 AT 11:53

ज़ख़्म सूखा और धरा को हरा होना चाहिए

पानी आँखों से नहीं, नदियों में बहना चाहिए

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14 JAN 2019 AT 3:00

अगर कभी वहम को ज़िन्दगी बना बैठो,
तो नशा सिर्फ़ ज़ख़्म का करना।

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16 SEP 2018 AT 22:04

कुछ नये ज़ख्मों का मैं तलबगार हो गया हूँ
लगता है आशिक़ फिर एक बार हो गया हूँ

मुझसे कहती है दुनिया तुम हँसाते बहुत हो
ख़ुद ही से शायद मैं बेज़ार हो गया हूँ

चेहरे पर दिखता है अब कोई और चेहरा
यूँ बताता है आईना, के मैं गद्दार हो गया हूँ

दिखता नहीं मुझमें कोई फायदे का सौदा
अब दोस्तों की जानिब, मैं बेकार हो गया हूँ

सुनता नहीं हूँ अपने दिल की आजकल
रूह की मौत पर मैं शर्मसार हो गया हूँ

कुछ नये ज़ख्मों का मैं तलबगार हो गया हूँ...

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29 OCT 2020 AT 0:17

वैसे जैसे तैसे
फिर हरे हो जाते हैं ऐसे वैसे जैसे तैसे

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18 FEB 2020 AT 20:58

Raato me bhi dhoop yanha...
Ye haawa tu nikala kanha...
Zakham hara rehata hai mera..
Keh de ja ke us se jara...

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17 FEB 2020 AT 21:17

खुश करता है कोई हाँ में हाँ मिलाकर,
तो कोई आग में तपे सा खरा कहता है !

असलहों का घाव भर जाता है अक्सर,
बात लगे जाए दिल को तो ज़ख्म हरा रहता है !

बात-बात में बिगड़ता भी, बात-बात से बनता घर,
बात ही तो हैं, बनी रही तो परिवार भरा रहता है !

बच्चे हैं, कितनों को सुधारोगे मार-पीट कर,
परवरिश का अदब बाक़ी तो शख़्स बातों से डरा रहता है !

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29 OCT 2020 AT 0:00


इन्सान मर जाते हैं जैसे
जख्म मिलें इतने की जख्म ही जख्म पे
जख्म की दवा बन गईं,
चल रही हैं ये जिन्दगी पर कोई जज्बात नहीं हैं
ना गम हैं कोई ना खुशी रही अब,
हाँ दर्द चुभता हैं अब क्यू कोई जख्म नहीं है
पूछा जब खुद से सवाल तो एक आवाज है आई
इतनी खुशनसीब तो तूं नहीं हैं
सुन ..!! दफना आई तूं अपने सारे जज्बात अब तूं इन्सान नहीं...
जिन्दा लाश की कोई जज्बात कोई पहचान नहीं हैं

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24 MAR 2020 AT 22:29


'मुझे सिखा दो' तेरे ना होने पर भी जीना
'मुझे सिखा दो' मेरे ज़ख्मों को मेरे ही हाथों से सीना
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28 SEP 2020 AT 14:45

मेरा हर ज़ख़्म उसकी मेहरबानी है,
मेरी ज़िन्दगी तो एक अधूरी कहानी है,
चाहता तो मिटा देते हर दर्द को,
मगर ये दर्द ही तो उसकी आखरी निशानी है।

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17 FEB 2020 AT 22:43

उनकी बातों में ,जख़्म हरा रहता है।
उनकी यादों में ,दिल भरा रहता है।
उनकी ख़ामोशियों में ,दिल ख़फा रहता है।
उनकी मायूसीयो से ,ज़रा सहमा रहता है।
उनकी नज़दीकीयो से ,ज़रा तन्हा रहता है।
अब बस .... हाल-ए-दिल कुछ यूं है कि...
उनके ख्वाबों में ही ,दिल फ़न्हा रहता है।

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