QUOTES ON #ज़िन्दगी_का_सफर

#ज़िन्दगी_का_सफर quotes

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11 MAR 2020 AT 18:23

'निश्चित' है जो
सब पहले से
तो फिर मेरा क्या
और तुम्हारा क्या

'अस्तित्व' का सूरज
कब डूब जाए
मालूम नहीं...

खिड़कियां 'गिनती' है
तारो को
'वहम' की रात में अक्सर

डूबता है 'सूरज'
हिस्से के
बटवारें में...

जैसे हम
'बट' जाते है
'त्योहारों' में

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28 APR 2019 AT 10:39

मत कर खुद पे ग़ुरूर इतना,
एक दिन तु भी मिट्टी मे मिल जाएगा...
जिन्दा तो आया इस दूनिया मे,
पर एक दिन लाश बनके रह जाएगा...

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10 DEC 2020 AT 12:17

क़िरदार झूठा हो तो
अक्सर कहानियां अधूरी रह जाती हैं

जिंदा रहने की ज़द्दोज़हद में
मेरे ऊपर हावी कुछ मजबूरी रह जाती हैं

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15 MAR 2020 AT 18:35

तलब में मुस्कुराने की
आँख नम है ,ज़माने की

अगर सच्ची मोहब्बत है
जरूरत क्या ,जताने की

तजुर्बा ही तो मिलता है
ठोकरों से ,जमाने की

नही आसान, है कोई
तबियत ,आजमाने की

पड़े जूते ,तो चलता है
कदर क्या है, ठिकाने की

नही मैं याद ,जो तुमको
जरूरत क्या ,भुलाने की

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24 OCT 2020 AT 13:34

Galtiya bhi hongi aur
Galat bhi samjha jayega
Ye zindagi hai janaab yahan tareef bhi
Sunne ko milegi
Aur galat bhi samjha jayega

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19 JUL 2021 AT 11:17

ज़िन्दगी की हकीकत को बस
इतना ही जाना है,
ख़ुशी में साथ सारा जमाना है
दर्द में अकेले और तन्हा वक़्त बिताना है....!!!

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5 APR 2020 AT 9:26

मैं मुस्कुरा के रख दूँ , 'दिल' जेब मे तुम्हारे
तुम क्या करोगे मेरा , जब 'हम' न हो तुम्हारे

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10 MAR 2018 AT 9:38

इस ज़िंदगी की दौड़ में सब रिश्ते बिखर गए ,
कुछ घर से दूर ,कुछ अपनों से दूर निकल गए ,

मैं ठहरा ही था राह में ,इक साथी की तलाश में ,
मुझसे जीतने की होड़ में ,सब आगे निकल गए !

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4 SEP 2020 AT 20:12

ज़िंदगी का सफ़र भले ही लम्बा
हो कठिनाइयों से भरा हो,
पर तुम यू ही हर कदम पर मेरा
साथ देते रहना।

और कभी साथ छोड़कर जाने की
कोशिश भी मत करना।
क्योंकि तुम्हारे प्यार और साथ के बिना
ज़िंदगी का सफ़र मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।

हम ऐसे ही लड़ते, झगड़ते, एक साथ रहते
ज़िंदगी की सारी कठिनाइयों का साथ में
डट के सामना करेंगे।

पर तब ये हो पायेगा जब हम एक साथ होंगे।
ज़िंदगी का सफ़र यू तो इतना मुश्किल नहीं
पर बिना हमसफ़र के जीवन का कोई अस्तित्व ही हैं।

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अब मैं हार गईं हूँ।

कितनी शिकायत करूँ ज़िन्दगी अब मैं हार गईं हूँ
साथ नहीं रहती हो तुम भी तन्हांई से हार गईं हूँ।।

अनगिनत हो गए दिन और रैना सौ-सौ बार गईं हूँ
संग तेरे ही जीना चाहा पर तुझसे ही हार गईं हूँ।।

मज़बूर हुईं हूँ दिल से अपने इस दिल से हार गईं हूँ
बहुत निभाए रिश्ते नातें और अपनों से हार गईं हूँ।।

नहीं मिला आँसू के सिवा आँखों से भी हार गईं हूँ
सबकी खुशियों के लिए ही मैं मुड़कर हरबार गईं हूँ।।

दिल से चाहती रही उम्र भर आदतों से मैं हार गईं हूँ
टूट गया है मन मेरा भी अब क्योंकि मैं हार गईं हूँ।।

~ ©साक्षी सांकृत्यायन

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