QUOTES ON #ज़बाँ

#ज़बाँ quotes

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3 AUG 2020 AT 18:39

हम हिन्दुस्तानी हमेशा अपनी ,जबान पर अडिग रहते हैं!
जान जाए पर वचन न जाये, इस बात को छाती ठोक कहते हैं!

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30 MAR 2023 AT 21:11

2122 1212 22
भीड़ तो ख़ूब है जनाजे में
उसको दिक्कत हुई है आने में

टूट जाता खरीदते दूजा
दिल भी बनते जो कारखाने में

अश्क़ आँखों में जल्द आते हैं
वक़्त लगता है मुस्कुराने में

एक झटके में हो गया मलबा
ज़िन्दगी थी लगी बनाने में

क्यों बनाते हो बात तुम इतनी
कुछ न रक्खा मियाँ बहाने में

चाहता है तो क्यों नहीं मिलता
है कमी बस तेरे इरादे में

बात का बन गया बतंगड़ क्यों
फ़र्क़ आया तेरे बताने में

जब "रिया" तेज़ है क़लम चलती
फ़ायदा क्या ज़बाँ चलाने में

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24 SEP 2021 AT 23:48

221 2121 1221 212
बरसात की दुआ करें क्यों आसमाँ से हम
उसको भी फ़िक्र होगी, हैं कच्चे मकाँ से हम।1

कहते हैं ग़र भले के लिए है तो बोल दो
इक झूठ भी न कह सके अपनी ज़बाँ से हम।2

मिलता नहीं है कुछ भी हमारे हिसाब का
ग़ुरबत में खाली हाथ ही आए दुकाँ से हम।3

अपनी तो दफ़्न कर दी, मगर अपने बच्चों की
ख़्वाहिश करेंगे पूरी बताओ कहाँ से हम।4

लेकर चले थे साथ जिसे अपने दोस्तो
बिछड़े हैं देखो आज उसी कारवाँ से हम।5

है दिल से दिल को राह, यही सुनते आए हैं
"अब तुम से दिल की बात कहें क्या ज़बाँ से हम "6

हो जाए ग़र ये ख़त्म तो आराम कुछ करें
अब थक चुके हैं ज़िन्दगी के इम्तिहाँ से हम।7

बेनाम ज़िन्दगी मिली अफ़सोस है "रिया"
गुमनाम हो के जायेंगे अब तो जहाँ से हम।8

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16 AUG 2020 AT 7:16

तुम हमें ना बताओ अवन की लोग क्या क्या कहेंगे
तुम बस अपनी ज़बाँ का ख़याल रखना!!!!

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19 MAR 2017 AT 21:47

तीखे हथियारों से अक्सर क़त्ल हुआ करते है।
दिलों को ज़बाँ से ज़रा दूर ही रखना ।।

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2 APR 2023 AT 16:44

देख कर ज़माने की खामोशियाँ मैंने भी कुछ
इस क़दर ख़ुद को ख़ामोश किया ,
देखने वालों को सिर्फ़ मेरी ज़ुबां ख़ामोश लगी
किसको पता दिल ही दिल में मैंने कितना ज़हर पिया ।

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15 JAN 2020 AT 9:31

#sunona

ज़बाँ मीठी रखने का हुनर जिसे आ गया..
समझिये उसे आसानी से जीना आ गया..

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1 DEC 2018 AT 11:01

Pramod verma💕💕

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3 AUG 2020 AT 12:09

शायरी का चस्का ऐसा लगा है हमें
गोया ! उर्दू ज़ुबाँ में गुफ़तगू हम करने लगे

मख्मली ज़ुबाँ है उर्दू ज़नाब
जब बोला तो लोग वाह वाह करने लगे ...

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30 MAY 2020 AT 7:48

यूँ न निकालो ज़बाँ से अपने बद-अल्फ़ाज़
"नक़्श" जो दहन बिगाड़ो क़यामत आ जाये

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