यूँ ना उड़ा करो जिंदगी के संग यारों ,
वक्त भी चलता है देखो रुक रुक के..
कल तलक मगरूर जो परिंदे थे,
आज पिंजरे में पल रहे वो घुट घुट के..
बस यही पल हैं जब के तुम ज़िंदा हो,
इनसे लम्हे चुरा लो चंद सुख सुख के..
तुमसे यकीनन कोई अदावत है उसे,
यूँ ही मिलता नहीं कोई झुक झुक के..
ग़मज़दा आए थे मेरी कब्र पर जो,
मुस्कुराते उनको भी देखा छुप छुप के..
एक नज़र प्यार की मिले तो थम जाएँ,
सफर भर देखा किये हम तो मुड़ मुड़ के...
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