QUOTES ON #ख़्वाहिशें

#ख़्वाहिशें quotes

Trending | Latest
7 NOV 2020 AT 9:36

कैसे बतलाऊं तुमको मैं क्या क्या करता हूँ...

तन्हाई में आँखे बंद कर के मैं तुमको गढ़ता रहता हूँ,
खाली आंखों में मेरी तुमको, मैं रोज भरा करता हूँ!
बस इतना समझ लो, की मैं तुम्हारे लिए ही जीता हूँ,
कभी ख़्वाब, कभी फूल, कभी खार में तुमसे मिलता हूँ!
कैसे बतलाऊं तुमको मैं.....
रोज तुम्हारी यादों में, मैं तुम पर ग़ज़ल नई लिखता हूँ,
पहली ग़ज़ल आज भी, तेरी अमानत समझ के रखता हूँ!
तुमको पाने की हसरत में, मैं हर दर मन्नत करता हूँ,
कभी चाँद, कभी आब, कभी रेत पर नाम लिखता हूँ!
कैसे बतलाऊं तुमको मैं...
कैसे करूँगा मैं तुम्हे इजहार, ये रोज कवायद करता हूँ,
महफूज़ है खत इजहार का जो देने की ख्वाहिश रखता हूँ!
तुम हो इश्क़ पहला और तुमसे इश्क आखिरी करता हूँ!
कभी जीस्त, कभी दिल, कभी रूह से मोहब्बत करता हूँ!
कैसे बतलाऊं तुमको मैं.....
कभी पूछता हूँ तितली से, क्भी गुलाब से पूछता हूँ,
कभी तो मिलेगी इस जहाँ में, उम्मीद मैं यह रखता हूँ!
उम्र का तकाजा होने लगा, बालों में सफेदी आने लगी,
कभी बचपन, कभी जवानी, कभी बुढापे से रश्क करता हूँ!
कैसे बतलाऊं तुमको मैं... _राज सोनी

-


14 SEP 2021 AT 3:04

सांस अटकी बड़ी तकलीफ़ जीने में
अधूरी दबी सीने में
तेरी आंखों में होती थी जो मदहोशी
ढूंढते वो खुमारी मयखाने में पीने में

-


4 APR 2021 AT 19:08

कौन कहता है ख़्वाहिशों का शमशान नहीं होता
मुर्शद, एक बार खुदमें झाँककर तो देखो

-


18 NOV 2020 AT 2:09

झूठी ख्वाहिशों की गिरफ्त में उलझे इस तरह
की उनके सिवा कभी कुछ दिखा नहीं
पल पल मिटते रहे जिसके साथ के खातिर
उसे कभी मेरे जज़्बात से फर्क पड़ा नहीं
हर पल उसका ही जिक्र रहा लबों पर
ख़याल कभी उसका जहन से मिटा नहीं
टूटा वहम झूठे अरमानों का इस कदर
की चाह कर भी अब ये दिल संभालता नहीं

-


14 SEP 2021 AT 14:23

बहुत दिन से कुछ लिखा नही,
तो चल आज रात लिखते हैं !

बादलों से हम हैं बेहद खफ़ा,
तो चल आज बरसात लिखते हैं !

मुँहबोले समझौते तो किए बहुत
तो चल आज रिश्तों की बिसात लिखते हैं !

गुमशुदा जो हो गयीं वो अमिट यादें,
तो चल आज एक नई शुरुवात लिखते हैं !

-


12 JUL 2019 AT 22:40

ज़रूरतों के आगे दम तोड़ देती हैं ख़्वाहिशें,
ख़्वाहिशों को घुट-घुट कर जीना रास नहीं आता।

-


16 APR 2017 AT 8:34

"ज़मीं" की ख्वाहिशें रखना बड़ी "मुश्किल" सी होती
है,
"अगर" मालूम हो कि अपनी जिद तो "आसमाँ" तक
है।

from-
a part of my poem

-


1 AUG 2019 AT 14:38

बेसब्री की आँच पर पकती रहती हैं ख़्वाहिशें,
जल जाता है सुकून तपती रहती हैं ख़्वाहिशें।

-


17 MAY 2021 AT 7:54

"ज़िन्दगी थोड़ी आसान कर मेरे मौला,
मुझे मौत दे, और एहसान कर मेरे मौला,

आँसुओं से मेरे चेहरे की रौनक बढ़ती
मुस्कुराहट का थोड़ा नुकसान कर मेरे मौला......"

#आँसू 😭

-


28 JUN 2018 AT 7:34

कोई मेरी ख़्वाहिशों को भी fitness चैलेंज में टैग करदे बहुत Unfit हो रही हैं।

-