ख़्वाबों को हकीकत बनाएंगे लाख मिटाना चाहे जमाना जमाने से हम टकराएंगे टूट कर बिखर जाए भी तो क्या किसी के सामने आँसू कभी न बहाएंगे अपने ख़्वाबों के लिए आखिरी सांस तक लड़ते जाएंगे अपने ख़्वाबों में जिएंगे...
दिन भर कुछ ख़्वाबों को पूरा करने के लिए, मैने उन्हें भागता हुआ देखा हैं, शाम को उदासी में इंसान को खुद से हारता हुआ देखा हैं, कह देते हैं लोग आसान हैं जिंदगी, पल पल दो रोटियों के लिये इंसान मरता हुआ देखा हैं।