माना कि कई रंग जिंदगी में हैं
कुछ गम और कुछ खुशी के हैं
दर्द भी पलकें झुका ले अगर
सोचिए आप कितने खूबसूरत हैं,
हाँ मैंने वक्त को बदलते देखा है
जमाने को उसमें ढलते देखा है
फिक्र क्यों जब बदल गई दुनिया
आपको खुद की भी तो जरूरत हैं,
बेवजह कोई नहीं जीता है यहां
हर शख्स खुद में लाजवाब होता है
आईने में ना ढूंढा कीजिए खुद को
आप भी उसी की बनाई मूरत हैं,
"हाँ आप खूबसूरत हैं...."
- दीप शिखा
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