Rana 28 JAN 2020 AT 21:03 मैं फ़ूल तू मुझमें ख़ुश्बू सीहम तुझसे छूट कर भी क्या करेंगे,जाना कहाँ है सिवा औऱ तेरेहम तुझसे रूठ कर भी क्या करेंगे,लगा लो ना हमें अपने गेसुओं मेंहम यूँ टूट कर भी क्या करेंगे,अच्छे लगते हैं हम खिले-खिले सेहम यूँ सूख कर भी क्या करेंगे,जी करता है बन जाऊँ भंवरापऱ ख़ुद को लूट कर भी क्या करेंगे..! - Rana 11 MAR 2020 AT 21:34 मुहब्बत की ज़िन्दगी छोटी सी औऱ उम्र से लंबे यह दिन इंतजार के,रोज़ बस चाँद को छत से देखनादोबारा गिनना तारों को हर बार से,नींद टूटे ना छुटे ना उसका ख़्वाब कोईहम करवटें भी लेते हैं बड़े ही प्यार से,दूर तो वो बस इतना ही था मुझसे फूलों से दूर जितने ख़ार थे,ना फ़ूल पे कोई पहरा ना ख़ुश्बू पे हक थाफ़ासले भी यह कैसे हुए यार सेरहा ख़ाली-ख़ाली ही बग़ीचे में मालीमुहब्बत भी यह कैसी हुई गुलज़ार से..! - Rana 13 OCT 2019 AT 22:26 जाने कहाँ गयीवो छुईमुई सी तितलीरंग-बिरंगी सपनों वाली,अब जाने किस फ़ूलपे मंडराती है,पगली.., वो चाह की ख़ुश्बू बस मुझ से ही आती है.! - Rana 25 JUL 2019 AT 22:41 वेदना की चरम सीमा के उस पार,तन्हाइयों के गहरे धरातल में,रहकर भी खिले जो ह्रदय में,वो फ़ूल प्रेम ही होगा,यूँ ही नहीँ ऐ दिल, के तेरे मुरझा जाने पे भी,मुझे ईक...., ख़ुश्बू सी आती है; - Anuup Kamal Agrawal 22 AUG 2019 AT 7:59 तुम्हारे शहर से आने वाली ट्रेन से अब तुम्हारी ख़ुश्बू नहीं आती।लगता है तुमने फिर से शहर बदल दिया है। - Anuup Kamal Agrawal 15 NOV 2017 AT 6:52 अब भी रखा हैसंभाल करवो टिफ़िन बॉक्सजिसमें सेख़ुश्बू आती हैमाँ के हाथ कीरोटियों की। - Anuup Kamal Agrawal 24 JUN 2019 AT 7:04 लगता है कहीं कविता पक रही है।भावनाओं की ख़ुश्बू आ रही है। - Anuup Kamal Agrawal 23 JUN 2019 AT 18:36 ये हवा किसे छू आई है?जानी पहचानी सी ख़ुश्बू आई है। - Anuup Kamal Agrawal 28 JAN 2019 AT 5:32 प्रेम के बीज को प्रेम से सींचो तो खिलता प्रेम का फूलप्रेम की ख़ुश्बू अगर हो मन में तो मिलता प्रेम का फूल - Anuup Kamal Agrawal 13 JUN 2020 AT 8:16 मैं कागज़ से फूल नहीं बनाता।मगर भर देता हूँ उनमें ख़ुश्बूलिखकर मन के भाव। -