QUOTES ON #ख़ाक_के_दोहे

#ख़ाक_के_दोहे quotes

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3 JAN 2018 AT 12:02

'ख़ाक' लड़ रहे लोग सब, पूछ पूछ कर ज़ात
राम , ख़ुदा हैरान हैं, नाज़ुक हैं हालात।।

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10 SEP 2018 AT 22:48

काट दिए हैं पेड़ सब, कहीं नहीं है छाँव
कहते सीना ठोक कर, बदल रहा है गाँव।।

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25 NOV 2017 AT 10:56

चूल्हा बुझा गरीब का,लगी पेट में आग।
होली में भूखा मरे, कैसे गाये फाग ।।

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22 DEC 2017 AT 23:50

क़त्ल करो ना ख़ुदकुशी, मरना है बेकार
'ख़ाक' करो अब इश्क़ तुम, रोज़ मरो सौ बार।।

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21 JAN 2018 AT 22:27

कमा कमा के कमर भी, टूट गयी कल रात
कुर्सी दफ़्तर की कहे, लाख टके की बात।।

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10 DEC 2017 AT 16:16

मन के मारे सब मरें, मन ना मारे कोय।
रो रो कर जीवन गया,अब काहे को रोय।।

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12 DEC 2017 AT 22:12

कोयल करती कुहू हू, कौवा बोले कांव।
कोय न बोले शहर में, जब से छूटा गांव।।

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31 MAY 2020 AT 10:02

सर के ऊपर छत नहीं, ना है तन पर छांव
भूखे प्यासे लोग अब, वापस जाते गांव।।

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31 MAY 2020 AT 14:33

रोटी तक ना दे सका, करता लंबी बात
बड़े शहर ने कष्ट में, छोड़ दिया है हाथ।।

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7 APR 2021 AT 11:23

कितना भी कोई कहे, पर है सुंदर गाँव
भूखे को खाना मिले, और पथिक को छाँव।।

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