तेरे पास मुझसे ज़्यादा है
पऱ उसका क्या.. फ़ायदा है,
जहाँ.. मुझे खाक़ होना है
वहीं तक ही तो.. तू भी भागा है,
यह खाबो-ख़्याल किसके हैं
क्या पाने का.. इरादा है,
मुहब्बत मुक़मल नहीं होती
यह रास्ता ही.. आधा है,
क्या चुनना है देख ले तू
है ज़िन्दगी.. इक़ तरफ़.. जनाज़ा है,
सब क़यामत तक के मेले हैं
फ़िर यह.. क्यूँ बौझ लादा है!
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