माना की तू मुझसे बहुत दूर है, मेरे पास नहीं,
तू मजबूर है, पर यह तेरे हालात नहीं,
माना की मैं गूमनाम हूँ और तुम चर्चे में,
पर गूमनाम रहूँ, मैं इसकी हक़दार नहीं,
माना की मैं नजरें चुराती,
और तुम मिलाने की तलब में रहते,
हम दोनों एक दूसरे से नजरें ना मिलायें,
हमारा प्यार इसका हक़दार नहीं...!
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