QUOTES ON #हुक्म

#हुक्म quotes

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2 JUN 2018 AT 1:47

रात को जल्दी बीत जाने का हुक्म दे दो..
ख़्यालों को अब लेनी होगी रुख्सत हुक्म दे दो..

कंधा भीगा हो तुम्हारा मेरे आँसुओ से,
बस मेरी इस आखिरी सज़ा का फरमान जारी कर दो ।।

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27 DEC 2017 AT 20:03

मोहब्बत-ए-मजलिस में हुक्म हुआ
कुछ और मांगूँ मैं तेरे सिवा,
उठ गयी महफिल-ए-तलब से यूँही
कोई और तलब नहीं अब मुझे तेरे सिवा!!

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16 NOV 2021 AT 18:53

यूं हुक्मरानों सा हुक्म ना चलाओ हमपे,
हम आशिक हैं तेरे, कोई गुलाम तो नहीं......

एक बार में जान लेलो भले ही तुम,
यूं बार बार सितम करती हो, मैं बेजान तो नहीं....

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17 FEB 2021 AT 20:41


वो जिव्हा कितनी "कठोर" होती होगी
जो "कट" कर गिरती नहीं
उस से "लहू कि धार "नहीं निकलती
"दांतों तले दब कर" खबर सुनाती है कि:--

एक "नाबालिग" के साथ नेता ने किया बलात्कार,
पुलिस स्टेशन पर जब वो रिपोर्ट लिखवाने गई
तो फिर से "पुलिस वालों" ने किया बलात्कार,
एक बूढ़ा आदमी सड़क किनारे ठंड से "ठिठुरकर मर गया",
एक गरीब अन्न के अभाव में "भुखमरी का हुआ शिकार"...!!!!

वो जिह्वा इतनी कठोर हो गई या फिर इस जिह्वा में इतनी "कुवत" नहीं है, कि बोल सके ये हुकूमत में "हुक्म" करने के आलावा और कोई "ताकत" नहीं होती..!!! (:--स्तुति)

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19 SEP 2020 AT 15:00

ये जो है हुक्म मेरे पास न आये कोई,
इसलिए रूठ रहे हैं कि मनाये कोई।
𝙿𝚕𝚎𝚊𝚜𝚎 𝚌𝚘𝚕𝚕𝚊𝚋 𝚖𝚢 𝚚𝚞𝚘𝚝𝚎....

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15 FEB 2019 AT 12:05

हुक्मरानों के हुक्म से बंधी होती हैं जवानों की उंगलियां
वरना कब की कर दी होतीं दुश्मनों की छाती छलनियाँ

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14 MAY 2017 AT 11:48

अपने परिवार में कभी इतना भार न उठाया, 
जितना तुमने ससुराल में आके सीखा और सिखाया |
शादी करके आयी थी, कोमल से हाथों से
तुमने हमेशा घर में हाथ बटाया |
सास, चाची, ननद और लोगों के ताने ,
तुम्हे कुछ भी चुभने न पाया |
दिन रात मेहमानों की खातिरदारी में
कितना समय लगाया |
हर एक के हुक्म पर, उन्हें चाय बनाकर पिलाया |
दिन की कड़ी धूप में, है पापड़ तुमने सुखाया |
वहीं शाम की ठंडी छाँव में, पौधों को पानी पिलाया |
हर घंटे की मेहनत ने तुमको कभी ना पीछे हटाया | 
दर्द महसूस करके भी तुमने, हमको कभी ना जताया |
सबकुछ अच्छा हो, तुमने शायद प्रण था ऐसा बनाया |
बच्चों की रक्षा के लिए, हर एक कदम उठाया |
रोज़ रात को गरम दूध देकर ही तुमने सुलाया |
नारी के रूप में भगवान ने, है तुमको बनाया |
तुमने अपने ममत्व से, पूरे आँगन को महकाया |
हे भगवन ! तुम्हे शत शत नमन जो , 
ऐसी माँ से हमने जन्म है पाया |


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17 NOV 2017 AT 15:26

परवरिश का ये पहला सबक होता है
माँ का हुक्म नही हम पर हक होता है

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20 APR 2020 AT 13:23

दांव पर लगा दो
तुम सारा सिक्का
बाज़ी तो हमारी होगी
जब फेंकेगे हुक्म का इक्का

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30 NOV 2017 AT 9:11

हम हुक्म ताबिली न थे
नापाक इरादों से दूर थे
दिल से उन्हें कबूल न थे
हम जिस्म नहीं रूह थे

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