QUOTES ON #हिसाब

#हिसाब quotes

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24 MAY 2021 AT 9:12

ख़्वाहिश थी मेरी...एक अदद मुलाकात को,
पलटकर जो देखा उसने, तो आदाब हो गया!

मै खड़ा खड़ा ही रहा..ये उससे पूछता पूछता,
उसने झुकाई नजरें जब, तो जवाब हो गया!

फलसफा पढता रहा...फ़क़त सफा दर सफा,
उसने वो जो लिख दिया, तो किताब हो गया

मैने उम्र गुज़ारी, उनके बेहिसाब इंतजार में,
वो मुस्कुरा दिए बस यूँ, तो हिसाब हो गया!

एक मुद्दत से तरसा....मैं अपनी पहचान को,
उसने मेरा नाम लिया, तो खिताब हो गया!

दिल से मैंने ये चाहा की..भुला भी दूँ मैं उसे,
ये सोचते ही मेरा दिल मेरे ख़िलाफ़ हो गया!

भटकता रहा ताउम्र..उसके दिल के इर्दगिर्द,
बाद उसके इकरार के "राज" आबाद हो गया!

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23 APR 2021 AT 22:20

हम चालाकी से दगा देते हैं
वो रूठ के चला जाता है या हम डांट के भगा देते हैं

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23 APR 2021 AT 22:54

मेरी डायरी में रखे उस गुलाब से!

कमबख्त को..
अब भी भरोसा है तेरे झूठ पर!!


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31 OCT 2019 AT 11:40

अपनों पर शक का कोई इलाज नहीं,
और गैरों पर अपने हक़ का कोई हिसाब नहीं।

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18 AUG 2020 AT 17:43

गलती करते हो खफा भी होते हो
मोहब्बत करके दगा भी देते हो
फिर क्यों मेरी मोहब्बत का हिसाब तुम लेते हो ।

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14 JUL 2020 AT 10:56

वो कभी नहीं हो सकता
जिंदगी अपने हिसाब से
चलती हैं.............

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17 JUN 2020 AT 7:19

ऐ जिंदगी सुन क्यूँ मुझे, तूँ ऐसे बेताब करती है
कोई ऐब है क्या मुझमें, जो इतना हिसाब करती है।

क्यूँ सहम रहे हो तुम, सिर्फ एक नाकामी के डर से
राह-ए-मुश्किलें ही तो, इंसान को कामयाब करती हैं।

धोखा खाकर आये हो,चलो महफ़िल जमाते हैं
गम भुलानें का काम तो, दो घूट शराब करती है।

एक जुगनूं को वहम हो गया है, उजाले पे हुकूमत का
उसे कौन समझाये कि, रोशनी तो आफताब करती है।

दोस्ती किताबों की, कभी दगा नहीं करती "नवनीत"
ये तो हिस्से में तुम्हारे, यूँ सारे खिताब करती है।

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24 APR 2021 AT 14:38

हम क्या थे
हमें क्या समझा गया💔

हमारी क्या चाह थी
हमें क्या दिया गया💔

हम कितने योग्य थे
हमें क्या मिला💔

हम किस जगह पे थे
हमें कहाँ रखा गया💔

❤कर्ण❤

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12 JUL 2020 AT 7:52

"कुछ रास्ते"

तेरा यूँ प्यार करना मुझसे, खुद में कायम एक मिसाल करते हैं।
हक किसका ज्यादा है तुझपे, मैं और तेरी यादें बवाल करते हैं।

तुम रुख़सत हो मुझसे कुछ यूँ कि, कभी इज़हार नहीं किया मैंनें
देखो गवाही कर रहा है चाँद, इश्क हम तुमसे बेमिसाल करते हैं।

तेरी-मेरी मोहब्बत के ही चर्चे हैं, हर एक की जुबान पर
ठुकराया था कुछ अपनों नें मुझे, अब वो मलाल करते हैं।

बेचैन करती है मुझे अब, ये तन्हाई ये दूरी ये अकेलापन
मिलता है सुकून दिल को, जब तुम्हारा खयाल करते हैं।

एक आरजू थी ना तुमको, मुझसे कुछ हिसाब करने की
लो तुम्हारे हवाले हम खुद को, अभी फिलहाल करते हैं।

बाहों में बाहें डाल कर, घुमा करते थे जमानें से बेफिक्र जहां
तुम साथ नहीं तो वो कुछ रास्ते, अब हमसे सवाल करते हैं।

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7 JUN 2019 AT 19:44

हिसाब में तुम पहले ही कच्चे थे..
मैं लाखों सा संवरती थी, तुम चिल्लर में तारीफ करते थे..!

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