आजकल, लोग, दिल हारते जीतने नहीं। अब, दिल उधार लिए, दिए जाते हैं। जब दिल जीता जाता है, उसे सहेजकर रखा जाता है। अब भला, उधार लिए दिल को कौन सहेजकर रखे ? इसलिए, बाकी किसी उधार ली गई चीेज की ही तरह, उसे इस्तेमाल किया जाता है और कई बार, उधार ली हुई चीज की ही तरह, उसे लौटाना भूला दिया जाता है।
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