तुम कहाँ हो क्या ख़बर?
हर दुआ है बेअसर..!
ढूंढ़ कर मैं थक गया,
ग़मज़दा हूँ हार कर..!
दे रहा हूँ मैं सदा,
सुन ले तू ऐ बेख़बर.!
बेबसी जो साथ है,
है वफाओं का असर.!
तुम नहीं तो बेवज़ह,
मेरी ख़ातिर ये शहर.!
क्या करूँ मैं बज़्म का,
तुम नहीं आते नज़र.!
स्वतंत्र,तुमसे दूर हूँ,
कट रहा तन्हा सफ़र.!
सिद्धार्थ मिश्र
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