कल भी मैं यूँ ही तेरे साथ रहूं, ये जरूरी तो नहीं,
जिंदगी भर का करूँ मैं वादा, ये जरूरी तो नहीं!
रूह में बसी हो तुम ही, धड़कन-ए-दिल की तरह,
पर करूँ मैं तुमसे यह इज़हार, ये जरूरी तो नहीं!
आब-ओ-हवा है एक ही सी, एक सा ही है चमन,
बसंत-ए-कली तुम फूल बनो, ये जरूरी तो नहीं!
मैं तो हूँ हर शय में, चाहे जब तुम मुझे पुकार लो,
पर तुमको मैं करूँ ये तस्लीम, ये जरूरी तो नहीं!
हम है एक ही राह में, एक ही मंज़िल-ए-मुकाम,
हम को हो ये हासिल मंज़िल, ये जरूरी तो नहीं!
हमसाया, हमकदम, हमराज़ हूँ तेरा करो यक़ीन,
ताउम्र मैं तेरा हमसफ़र ही रहूँ, ये जरूरी तो नहीं!
दर्ज हो जाएगी हमारी मोहब्बत किताबों में "राज"
मिसाल बनें कोई हमारी तरह, ये जरूरी तो नहीं! _राज सोनी
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