तेरी आँखों के वास्ते
हम ख़्वाब हुए होंगे,
फेर ली जो मैंने नज़र
क़तल कईं हुए होंगे,
परिंदे सी उड़ती निगाह
वो आबोदाना हुए होंगे,
तस्वीर सी लगती हूँ मैं
फिर वो दीवार हुए होंगे,
मैंने अल्ला हाफ़िज़ क्या कहा
कईंयों के मुँह उतरे हुए होंगे,
ओस गिर रही है बहुत
तुम्ही उदास हुए होंगे,
नाराज हूँ तुमसे मतलब
लहज़े 'तल्ख़' हुए होंगे!
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