✍️✨हताश लालची - मेरा दोस्त✨✍️
क्या यही सिखाया था तुम्हें
गुरूजनों ने; जो अब भी रोते हो?
खाने के फलों की कमी नहीं
फिर भी लालच से हाथ नहीं धोते हो? ...✨✍️
समस्या क्या है! ज़रा एक नज़र
उस ओर दौड़ाएं तो कुछ जानें।
सिफारिशों की बारिश में भीग
समस्या की जड़ को पहचानें। ...✨✍️
शिकायतें तो अभी हजारों होंगी
तो हल करने वाला रास्ता सुनसान न होगा।
संभलना, संभालना दोनों मुश्किलें
होंगी तो निकालना हल यूँ आसान न होगा। ...✨✍️
क्यों रोते हो एक फल के लिए,
यह तो एक मजाक ही था मित्र?
न देने की बात तो ठीक नाटक ही था,
सोचा नहीं था! तुम भी हो ऐसे विचित्र! ...✨✍️
आगे से जो मिले उसे खाकर संतुष्ट सर्वदा दिखो।
"अति सर्वत्र वर्जयेत", ज़रा इससे तो कुछ सीखो। ...✨✍️
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