QUOTES ON #सफ़ेद

#सफ़ेद quotes

Trending | Latest
11 DEC 2016 AT 6:06

केसरी, सफ़ेद और हरा
हर रंग है क्यों डरा
भारत माँ पूछ रही
बेटों बताओ जरा

-


22 MAR 2019 AT 12:22

दाग़

कहीं के भी हों..क़भी अच्छे नहीं होते..

-


9 JUL 2021 AT 21:48

अक्सर झील सी आंखों में दलदल में फसा हू ..
इन गुलाबी लबों से बौराया फिरा हू ..
तेरे रंग में ऐसा डूबा ..
अब बस सफ़ेद ही जचता है मुझमें ..
दीखता है मुझमें ..
शायद अभी मुर्दा बचा है मुझमें ...

-


5 NOV 2018 AT 14:59

चाँद के चरख़े पर .. रात भर
उजले हुए .. सारे रंगों के सूत कात कर
मेरे जीवन की .. सफ़ेद चादर पर
माँ ने कशीदे काढ़े .. जी भर

बाबा बताना भूल गए .. अँधेरे में बने वो धागे
पक्के थे रंग के इतने .. हर रंग लगा निकलने आगे
पर चाँद ने हर रंग में .. घोले थे पक्की सफ़ेदी के उजाले
जीवन रंगीन रहता कब तक .. अँधेरों में बने थे जब धागे

-


11 JUN 2017 AT 22:14

कहीं किसान मर रहा है, कहीं जवान मर रहा है
हिंदुस्तान तेरे हाथों, हिन्दुस्तान मर रहा है

बुझ रहे हैं दीप देखो, लौ नहीं है बाती में
चला रहे कुदाल बेटे, भारत माँ की छाती में
मासूमों की चीख, कर रहे सब अनसुना
जन्म ले रहे हैं दानव, मानव की प्रजाति में

जानवर की खातिर, इंसान मर रहा है
हिंदुस्तान तेरे हाथों, हिंदुस्तान मर रहा है

केसरी...सफ़ेद....या हो हरा
हर रंग एक दूसरे से है डरा
दूध की नदी बहा करती थी जहाँ
खून से रंगी हुई है, आज वो धरा

कब्र डर रही है, श्मसान डर रहा है
हिन्दुस्तान तेरे हाथों, हिंदुस्तान मर रहा है

लेखकों से कर रहे, शांति की बात
साहित्य तो करता रहा है, क्रांति की बात
लिखता हूँ जब मैं अशांत होता हूँ
करता हूँ हमेशा, मैं अशांति की बात

शीशों से टकराकर, चट्टान मर रहा है
हिंदुस्तान तेरे हाथों, हिंदुस्तान मर रहा है।

-


13 AUG 2017 AT 17:49

एक बेरंग कहानी.....
------------------------------------
चिल्ला चिल्ला कर रोती आवाजों में
एक बिसूरते दिल की खामोशी बड़ी दर्दनाक थी
बेरहम हाथों ने कुछ, मिटा दिया था वह लाल सिंदूर
कोमल से हाथों में सजी वह हरी चुड़ियां तोड़ दी गई पत्थर पर पटक पटक कर....
कलाई मरोड़ कर चुड़ियां तोडने वाले लोग वैसे पत्थर से भी ज्यादा सख्त दिल के थे...
केसरिया वह आग की लपटें और ही भड़क रही थी
जला रही थी उसके गुलाबी सपने बालम की लाश के साथ....
वह चमकीला सुनहरा कंगना जो कभी प्यार से पहनाया गया था गोरी कलाई पर वह आज निकाला दिया बेजान हाथों ने...
घसीट घसीट कर नाई ने काट दिए उसके भूरे बाल
और ओढ़ दी मरी हुई लाश पर सफेद कफन और जिंदा चलती फिरती लाश पर सफेद साड़ी
उस सफ़ेदी में वह स्याह कालिख छुपी थी उस समाज के दकियानूसीपन की.....
जिसकी वजह से एक जिंदगी बेरंग हो गई थी।


-


4 APR 2017 AT 7:25

तुमने चमकाया है मेरी जिंदगी को ऐसे
नील चमकाये सफ़ेद कमीज़ को जैसे

-


12 AUG 2017 AT 20:33

सफेद मोमबत्तियाँ फिर जलेंगी फिर बुझेंगी
मगर
सफेद कफन में बुझ गयीं जो किलकारियाँ
फिर न गूँजेंगी

-


28 JUN 2017 AT 16:38

जीते जी लड़ते रहे वो हरा केसरिया में
शहीद होकर वो हरा केसरिया में सफ़ेद सुकून घोल गया

-


16 JUN 2017 AT 18:20

तेरी काली देह पर
सफ़ेद आखर से
लिख दूँ प्रेम का धूसर गीत

-