QUOTES ON #स्वलिखित

#स्वलिखित quotes

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17 JUL 2020 AT 17:02

रंग रंग के रंग हजारों
कौन से रंग में रंगूँ में ?

बेशुमार बेलगाम उम्मीदें
किन बेरंग को रंगूँ में ?

बड़ा हाथ थाम ले अंगुली
' रुह ' किस रंग में रंगूँ में ?

- पंडितआदित्यशुक्ला ' मानसप्रेमी '

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मैं नासमझ तो आज भी हूं
जो तेरी बेरुखि को नज़रअंदाज़ करता हूं
दिल से मजबूर हूं
इसलिए सिर्फ़ तुझसे ही प्यार करता हूं

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22 DEC 2021 AT 19:24

बाहुल्यांचे खेळ खेळता खेळता...
कसं जिम्मेदारीच ओझं खांद्यावर आलं कळलंच नाही...
©समीक्षा भुसारी✍

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9 MAR 2021 AT 12:23

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14 OCT 2017 AT 20:11

बहुत ही बेशर्म है ये दुनिया!
आप इस दुनिया के नहीं लगते...

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जहां में सबको खुशी कि तलाश है
हर कोई मुस्कुराना चाहता है
जीवन के हर पल का उत्सव मनाना चाहता है
मनुष्य हो या कोई जानवर
ममता का आंचल सबको प्यारा है
प्रेम पाने कि प्रशंशा पाने कि
आदर दिए जाने कि सम्मान मिलने कि
जहां में हर किसी कि चाहत है
बस इतना ही ध्यान में रखिए
सबको वही दीजिए आपको भी मिलेगा।।

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24 MAY 2017 AT 16:18

जिस तरह किसी की एक दुआ जीवन संवार सकती हैं उसी तरह किसी की एक आह जीवन बिगाड़ भी सकती हैं..किसी का भला ना कर सको तो किसी का बुरा कर उसकी आह भी ना लो...✍

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8 JUL 2018 AT 14:38

https://www.yourquote.in/rohininalage1995

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5 AUG 2018 AT 9:01

खामोश तन्हा बैठा एक शख्स
मन मे ना जाने कितने सवालो की
गठरी लिए हुए ,

कई बार पुछा उनसे मेने क्या हुआ
क्यूं हो परेशान इतने क्यूं खोये हो इतने ?

मैं जानती हूं उनकी खामोशी का राज,
समझती हूं उनके दिल का हाल ,
क्यूं खामोश है वो आज ,

कहां चुक हो गई उनसे ,
क्या कमी रह गई उनकी परवरिश में

सब कुछ तो सही था सब खुश हाल थे
फिर ये क्या हुआ कैसा वक़्त का कहर बरसा
सब कुछ बिखरा बिखरा ...


बचपन से जवानी, जवानी से उम्र के ईस पड़ा तक
जो बगिया सजाई थी मेहनत के फूल खिलाये थे
आज क्यूं मुरझाए मुरझाए से है ...?

इन्ही सवाल मे गिरे खुद से ही सवाल जवाब करते
चाह कर भी कुछ ना कह पाते अंदर ही अंदर घुटते
देखा है मेने ...

#मीनू

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6 JUL 2017 AT 14:40

कुछ गलतियों की माफ़ी नही होती ✍

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