# 30-03-2021 # काव्य कुसुम # गुलमोहर #
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गुलमोहर का पेड़ अपने शबाब पर उन्मुक्त-सा मचलता है ।
फूल गुलमोहर का अपनी ख़ुशबू से अल्हड़-सा महकता है ।
हो रंग-रूप,ख़ुशबू गुलमोहर-सी जो सुकून दे सके सबको -
गुलमोहर का अप्रतिम सौंदर्य सर्वत्र सौरभ-सा बिखरता है ।
************** गुड मार्निग ************
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