जाने अनजाने कुछ खताएं यूं हो ही जाती हैं। तकदीर मे हो जो बातें लिखी तो हो ही जाती हैं। मिलाने का फैसला गर खुद खुदा ए पाक का ही हो। तो देखो कैसे तुम्हे हर रास्ते मुझि तक ही बुलती हैं।
ये खुशनुमा हवा तेरे प्यार का आलम और भी तड़पाता है ये सुहाना मौसम ठंडी चलती बयार का झोंका दीवाना करता है हरदम ये और भी सुहाना हो जाए अगर साथ में हो मेरे तु सनम
सुहाना मौसम हो जाता है, मन में गीत उमंग के गाने से। ख़ुशनुमा जीवन हो जाता है, अपने के संग में आने से। जो बुगड़ा रिश्ता बन जाता है, आपके विनम्र हो जाने से। तब क्या हर्ज है थोड़ा सा, अपनों के आगे झुक जाने से।