QUOTES ON #सुबह

#सुबह quotes

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5 JAN 2020 AT 8:06

दिन- रात भू तपती है
आव्हान करती है
पिपासा अमृत की
प्राण प्रिये उबलती है
जग-जल , भू-थल
कर भाग पिघलती है
अनिल-अनल , वात-जल
सब उगलती है
धरा सुंदरी
जग-मग-जग-मग
प्रणय प्रभात करती है !

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7 AUG 2018 AT 6:40

कल रात जो तेरा खयाल हमने राख कर दिया था,
इस सुबह ने फिर वही भस्म हमारे माथे पर मल दी|

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सुबह पूछ रही है पता मेरे रात की
कहो, क्या बताऊँ मैं कहानी उसे अपने आत्मघात की,

वर्षों हुए, जब हमने उनसे दिल की बात की
रात से सहर, फिर सहर से रात की,

प्यार से पहले पूछते हैं सब नाम, जात की
कदर अब रही नहीं दिल के जज्बात की।।

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18 AUG 2020 AT 7:57

एक नई जोश एक नई उमंग
एक नई ऊर्जा एक नई तरंग

एक नया सपना एक नया हुनर
एक नया मुसाफिर एक नया सफ़र

एक नया मिलन एक नई मिठास
एक नया रिश्ता एक नया एहसास

एक नई सोच एक नया विचार
एक नई दुनियां एक नया संसार

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7 JAN 2019 AT 2:04

मैं कभी नहीं भटकी
सुकून अच्छी नींद लाता है
सुकून का गैर हाज़िर होना
मेरे खयालों की हथेलियों को
स्याही से भर जाता है...
और मैं रात के लिहाफ में
खुद को खोलकर
'तुम' को बुनती हूं
क़ज़ा आने तक.

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25 JUN 2017 AT 20:30

उनके चेहरे पे चाँद का यूँ साया है,
कि सुबह अब मुझे रास नही आती!

- शुभी

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14 MAR 2021 AT 16:40

करता है हर दिन
अपने आप मे डूबे हम महसूस नहीं करते

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16 MAY 2020 AT 9:14

रोज़ बैठ जाता हूँ स्मृतियों के घाट पर
तुम्हारे एहसास के श्रृंगार से सज्जित
उन्मुक्त... मूक सा मैं अभिलाषी
यह नयन ख़यालों में लगते है विचरने,

स्पर्श-स्पर्श में इक सिरहन सी
है कंठित साँस मिलन की
कौन क़सक फिऱ तन आ बैठी
मुझसे ही अलग.. मुझे लगती है करने,

सोचूँ ...निर्लज आशा में सम्मिलित होकर
लज्जित संकुचित सी...
काश...."तुम" आ जाओ
मेरे इन सूखे नयनों से आँसू भरने...!

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4 SEP 2020 AT 7:36

यह ज़िन्दगी खो अपने होश बैठी है
लेके बेबजह कितने अफ़सोस बैठी है,

ख़्वाइशों की पतंग को हवा तार-तार कर गयी
औऱ यह सब देके मुझे ही दोष बैठी है,

जाने किसके इंतजार में हैं यह ख़्वाबों के पाखरू
रात गुज़र गयी अभी भी पत्तों पे ओस बैठी है,

इस ठहरे पानी में कोई पत्थर मारे
के मेरी जिजीविषा बड़ी.. ख़ामोश बैठी है..!

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6 AUG 2021 AT 7:19

सैयाद ने था जाल बिछाया
और मैं दाना चुगने बैठ गया,
...जलते हुए अंगारों पे
इक ख़्वाब सुलगने बैठ गये,

क्या पता था के यह ख़्वाईशों का दरिया
मुझको डुबोने आया है
उफ़्फ़... ना जाने क्यूँ कर इक जुगनू
पानी में बुझने बैठ गया... !!

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