Saket Garg 12 JAN 2019 AT 21:47 पिताजी पर लिख पाऊँ, ऐसे अल्फ़ाज़ कहाँ से लाऊँमेरी जेब तो आज भी, उनके दिये सिक्कों से भरती है- साकेत गर्ग 'सागा' - Arif Alvi 20 JUL 2020 AT 1:46 इश्क़ के सिक्कों से भरी है मेरे दिल की गुल्लककिसी रोज़ चली आओ तुम इसे तोड़ने के लिए - Sushma Thakur 10 JAN 2020 AT 17:00 सिक्कों की खनक हमेशा अच्छी लगती हैमगर कुछ सिक्कों की खनक होकर भीहमें सुनाई नही देती। - YQ Sahitya 8 FEB 2021 AT 17:11 - Sandeep Vyas 8 APR 2019 AT 10:08 हसरतों के सिक्के लिए, उजाले खरीदने निकले थे हमउम्र की पहली गली में ही, जिम्मेदारियों ने लूट लिया.. - Saket Garg 18 JUN 2017 AT 2:06 धोखा दे रहा हूँ 'मुफ़लिसी' कोचंद सिक्कों में 'लाखों का' मुस्कुरा रहा हूँ- साकेत गर्ग - रचना 17 SEP 2020 AT 20:42 ले गये सिक्कों को उनकी खनक सुनकर और रूपये ये सब चुपचाप देख रहे थे - RITU Srivastava 11 APR 2023 AT 21:27 दृश्य बोल रहा है परिदृश्य की खामोशी बेचारे रौंदे जा रहे हैं दिलो की खामोशीखून और पसीना एक साथ बह रहा हैबिना दिल के इंसान बस यंत्रवत चल रहा हैइंसान छेनी-हथौड़ा से घर बना रहे हैदिलो में घर थे जिनके वो उजड़ रहे है स्वप्न में भी विनाश और ध्वंस की रचना दिल ही नहीं है तो सृजन होना नही बनता इंसान तो बस अब सिक्के बना रहा हैदिल के चलन का रिवाज तो बाहर हो रहा है - Komal Rawat 8 JAN 2018 AT 3:37 यूँही कभी ख्यालों के सिक्केख्यालों में तो मन बहला जाते है,दुनिया खुशियों के आसमानों से भर जाते हैलेकिन जब आंखें खुलती है तो ये हाथऔर आंसुओं से भरी आंखे ही संग रह जाती है!! - Shyam Gaur 2 JAN 2020 AT 13:39 जिंदगी और रिश्ते आजकल फटी जेब से हो गए है,सिक्को के माफ़िक गिर कर एक एक कम हो रहे है ! -