साथी तो बहुत मिलेंगे मेरे को लेकिन क्या तेरे जैसा दूसरा कोई मिल पाएगा मुझे
तेरी तरह सच्चाई कि बेजती मार के हंसाने वाला क्या दूसरा मिल पाएगा मुझे,
दुश्मनी तो हर कोई निभाता है लेकिन तेरी तरह दुश्मनी भुलाने वाला यार दुबारा मिल पाएगा मुझे,
गम तो सबने दिया मुझे लेकिन तेरी तरह आशु पोछने वाला क्या फिर मिल पाएगा मुझे,
लाख रूठूं मैं मगर तेरे जैसा दूसरा मनाने वाला नहीं मिल पाएगा मुझे,
कहा मिलेगा दूसरा कोई गिरने के बाद उठाने वाला मुझे,
याद तो मुझे आज भी है बंक मार कर घुमाने वाला यार मुझे,
यार याद है वो जो बंक मार कर ले जाता था बाइक पे घुमाने मुझे,
वो जाशुसी लड़कियों की करनी वो तेरा सिक्रेट पीना और साथ में पिलाना मुझे,
थोड़ा थोड़ा नशेड़ी तूने बनाया मुझे,
कोरोना जैसी बीमारी न होती तो दोस्ती अपनी जन्नत होती हमारी ना छोड़ के जाता तू मुझे
कोरोना बीमारी में एक साथी छोड़ के चला गया मुझे,
मुझे पता है कि जरूर कोई मजबूरी होगी तेरी नहीं तो तू भी नही भूलता मुझे,
साथी तो बहुत मिलेंगे मेरे को लेकिन क्या तेरे जैसा दूसरा कोई मिल पाएगा मुझे ।।।
Denoted my special friend ( Rahul ) ...
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