दूरियों पर मोहब्बत कुछ इस कदर भारी है
हमारी सांसो पर आजतक उनकी'हिस्सेदारी'है-
इंतज़ार पूरा होगा,
इन हवा की वादियो का भी.
और हवा के झोंके भी,
झूम उठेंगे.
चाहो तो महसूस कर लो हमे,
हम तुम्हारी सांसों में मिलेंगे.-
तुम्हारे होने के एहसास
सांसों को बयां हो जाने दो
लफ्जों की नजाकत में खोई हूं
बस मुझे खो जाने दो
खोए हो तुम खोई हूं में
इन सांसो की चादर में गुम हो जाने दो
इस पल की आदत है
अदाओं की शरारत
देखो बाहों को बाहों में खो जाने दो
आदत हो जाने दो
तुम्हारे आने से ही चेहरे पे मुस्कान आए
कतरा कतरा दिल की आदत
एक सुकून बन जाए
इस दिल की जिद है
गिर के संभल जाने दो
इस पल की यही है आदत
आदत हो जाने दो— % &-
बीत रहा है हर लम्हा, सांसों की डोर से लिपट कर,
वक्त के तराजू में यूँ ही झूल रही, जिंदगी अपनी !-
''अब तो बस सांसों का एहतिराम है
गुज़र तो हम पहले ही चुके हैं''@-
ये कैसी मोहब्बत हो गई है मुझे तुझसे
औरों को ज़रूरत पड़ती है सांसों की
और मुझे ज़रूरत है तेरी।-
तेरी ज़रूरत है ऐसे मुझे जैसे,
जीने के लिए सांसों की ज़रूरत है तुझे जैसे-
जरासी तू झुका ले नजर
मैं कुछ कहना चाहता हूं
तेरे दिल की बस्ती में तेरा
होकर रहना चाहता हूं
इश्क दा जाम अब
में पीना चाहता हूं
बस तेरे सांसो की
मुझको पनाह दे दे
मै इनमें पूरी उम्र
मै जीना चाहता हूं-
खामोशियो से अपने जज़्बात कहता है
इस कदर फना हूँ, मै उसकी चाहत मे
बनके हवा मेरी सांसो मे, वो बहता है-
On your moon light
कभी स्वप्न में भी मिलने का मन करे
तो हौले पांव आना
यहाँ मुहब्बत के दुश्मन हजार हैं ...
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