नज़र से उसकी गिरा नहीं हूँ
अजीब हूँ, सर-फिरा नहीं हूँ
कोई तो मुझसे नज़र मिलाओ
सुनो! न मैं तज़्किरा नहीं हूँ
कभी तो मुझको पढ़ो ख़ुशी से
मैं मौत से अब घिरा नहीं हूँ
क्यों ख़त्म करने लगे हो मुझको
क्या ख़ूबसूरत सिरा नहीं हूँ
कभी तो दिल में बिठाओ 'आरिफ़'
अदीब हूँ, किरकिरा नहीं हूँ
-