QUOTES ON #सरफरोश

#सरफरोश quotes

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14 AUG 2017 AT 16:26

क्यों कट रहे सिर मंदिर मस्जिद के बवाल में
भूल गए क्या सीमा पर ज़वान सरफ़रोश होता है भारतीयता के नाम पे

क्यों आतंकवाद जन्म लेता है ज़िहाद के नाम पे
भूल गए क्या धर्म नहीं देता इजाज़त कत्ल-ए-आम पे

क्यों हो रहे दंगे जानवरों के नाम पे
भूल गए क्या यहाँ सब शरीक होते ईद-दीवाली के त्योहार पे

क्यों मर रहे मासूम सियासती दांवपेच के खिलवाड़ में
भूल गए क्या ये फरिश्ते करते रोशन देश को ज़हान में

क्यों उठा रहे उंगली जाति महज़ब के नाम पे
भूल गए क्या भ्रष्टाचार बसा है हर एक के गिरेबान में

फिर ये ग़ुरूर किस बात का ये तलख़ी किस लिए
भूल गए क्या इंसानियत बसती है "अमन" के पैगाम में

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30 JUL 2017 AT 14:04

शहीदों की सरफरोशी पर न्योछावर मेरा मान है
उनकी शहादत पर मेरे जिस्मों जां क़ुर्बान है
वो तो चले गये अपना फर्ज अदा करके
सौंप दी सत्ताधारी हाथों में देश की कमान है
जिन्हें दी कमान वो नेता भ्रष्टाचारी हैं
सरकारी गद्दी पर बैठे आज लोग बेईमान हैं
हम चैन से रह सकें अपनें घरों में तभी
सरहद पर तैनात हमारे देश का जवान है
जिसकी शहादत की कीमत सिर्फ चंद मुआवजे हैं
आत्मा झकझोर जाती है अंदर तक
जब लगता है कि कितनी सस्ती इन जवानों की जान है
मानकर देखो तो हम हर एक जवान के कर्जदार हैं
वो शहीद हंसते हुए होते हैं
क्योंकि उनके लिए भारत एक परिवार है 🇮🇳

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31 JUL 2017 AT 12:09

सरफरोशी के जज़्बे को उकसा कर गर्मजोशी भरे भाषणों से,
करारे नोटों की राजनीति खेल जाते है ये भ्रष्टाचारी पुतले !!

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मैं हिन्द की बेटी
सरफ़रोशी का ताज रखती हूँ
हृदय में प्रेम
म्यान में तलवार रखती हूँ

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11 MAR 2019 AT 18:16

# सरफरोश #

सरफरोशी की तमन्ना रखिए
देश की खातिर
इश्क में तो सिर्फ
दिल फरोश होता है

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15 AUG 2017 AT 9:04

तिरंगे तेरे रंग में आज हम फिर रंग गए हैं
बाकी सारे रंग अब बेरंग हो गए हैं

महबूब मेरे भारत, बिखरा आँचल समेट दो
अपनी सरज़मी की खुशबू बिखेर दो

अर्पित है ये जीवन तेरी बाहों में अब
बस तेरा ही चेहरा निगाहों में अब

किसी वीर की मैं शहादत रहूंगी
उसकी कुर्बानियों की आदत रहूंगी

रक्त की बहती बूँद की स्याही से आज मैं
अपने हमनवा की कहानी लिखूंगी

कश्मीर की वो कलियाँ
हल्दी घाटी की गलियाँ
या फिर लिख दूँ आज मैं, लक्ष्मीबाई की अठखेलियाँ

प्रताप का वो भाला
मीरा के विष का प्याला
या फिर लिख दूँ आज मैं, गीता का ज्ञान निराला

नेताजी का नारा
गंगा की बहती धारा
या फिर लिख दूँ आज मैं, ये है हिन्दुस्तान हमारा

गाँधी की डोलती लाठी
भगत की कद-काठी
या फिर लिख दूँ आज मैं, भारत तेरी आज़ादी

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15 AUG 2017 AT 9:57

वन्दन करो उन वीरों का मतवाले दीवाने,देश के रखवाले सरफरोश जांबाजों का,उनके जज्बातों का,निज स्वार्थ से ऊपर उठ जो देश की गरिमा के पोषक बने,एक माँ का दूध पिए और करोड़ो मांँ के सपूत बने,उनके चरणों के धूल से भूभाग वो धन्य हुआ,जहाँ-जहाँ वो पग धरे वो धूल तिलक अनुकूल बना ।

वन्दन करो उन सरफरोश भारत माँ के प्रहरी,शूरवीरों के अटल इरादों का, डिगा नहीं सकी जिनको गर्मी, सर्दी या हो बर्फीली तूफान कभी,डटे रहते जो, सीमा पर हर बाधाओं को हैरान किए ।

कैसे न ये शीश झुके, जिनके साहस के दम पर हम सब निर्भीक जिएंँ,हम रंगों से लाल हुए वो लहू से बेहाल हुए,हम जश्न में मशगूल रहे वो बारूदो में जीवन ढूँढ़ रहे,हम अपने गम़ में गम़गीन हुए, वे देश हित में विलीन हुए,हम एक दिन तिरंगा फहराते,वे तिरंगे पर मर मिट जाते,उनके बलिदानों का मोल नहीं जो हम चुका सकें,बस श्रद्धा सुमन अर्पित कर,उनके सरफरोशी इरादों को नमन करें,एक दिन नहीं हर दिन हम उनके बलिदानों को स्मरण करें ।


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15 AUG 2017 AT 7:32

आज ये आँखे भर आयी है।
सरफरोश हुये थे वो
तभी तो आजादी हमने पायी है।
उन सरफरोशो को नमन
ये राह उन्ही ने दिखायी है।
अब तिरंगे की रक्षा करना फर्ज हमारा है।
ये हिंदुस्तान हमे जान के भी प्यारा है।


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31 JUL 2017 AT 23:29

चीन के इरादे नापाक हैं
पाक आतंकवादियों का किला हैं
कुछ यू आज इन्हें नंगा किया हैं
एक दम दिखाता ,जवान खड़ा किया हैं
दूजे ने बस हैवान पैदा किया हैं
अब मेरे भारत-एक-परिवार कि सूनो
इसने सभी को इंसान बनाया हैं
बूढ़े को भी जवान बनाया हैं
एक टूकरा चाहे मेरी जमीन का
दूजा काश्मीर चाहता
और मेरे देश के भ्रष्टचारियों का भी ज़मीर चाहता
यू मुझे अब हैरत से ना देखो
अब तेरे इरादे नापाक होंगे
क्यूंकी मेरे वतन का कोंना-कोंना चाहता
और बच्चा-बच्चा सरफरोश चाहता ।

(-©हर्षिता हंसा✍-)

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15 AUG 2017 AT 16:50

🇮🇳सरफरोशी🇮🇳

है,"सरफरोश" हूआ,ये दिल
वतन की,खिदमत में है
ना मंदिर,ना गिरजाघर,
ना गुरूद्वारा,ना मस्जिद में है

चिंगारी भड़की ,अभी थोड़ी
रह डरकर,ये शोला बने को है
समेट देंगें ,तुम्हें ओ.. चीन
ये ताकत,बांजु-ए-कातिल में है

कि एकजुटता यहाँ नस-नस में है
क्या तोड़ेगा,ये नही तेरे बस में है
है ,सरफरोश हूआ,ये दिल
वतन की,खिदमत में है

कोशिशें लाख की
पाक् ने बेहिसाब की
अंत उसका,नजर आता
अब पूरे,पाकिस्तान को है

इस बारी, जान जाओगें तुम भी
कितनी "सरफरोशी",मेरे दिल में है
है, सरफरोश हुआ,ये दिल
वतन की, खिदमत में है।


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