मैं आहत हूँ , तेरी चाहत हूँ ,
दर्द-ए़-दिलों, की राहत हूँ ..
तू घमण्डी है तो तेरा घमण्ड हूँ मैं,
तू जिद्दी है तो तेरी जिद़ हूँ मैं..
मैं हूँ तेरी नींदों का ख्वाब़,
तू रानी है तो मैं हूँ नबाब..
तू शहजादी है मेरे सपनों की,
मुझे कमी नहीं है अपनों की..
बस मेरी एक ही आरजू है,
तू लेखनी है मेरे लफ्जों की..!
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