Mahendra Inaniya 20 JUN 2021 AT 18:09 चाहे कितना भी आए पसीना जो बयाबाँ में भी ढूंढ ले सफीना उससे अच्छा कोई ना जाने उल्फ़त में जीना - Satya Prakash Sharma 30 JUL 2020 AT 17:21 ग़जल सफीना देख कर मेरा किनारा कर लिया तुमने ।भंवर में छोड़ कर तन्हा किनारा कर लिया तुमने ॥वो बच भी सकता था अगर एक हाथ मिल जाता पर मुकद्दर देख कर मेरा किनारा कर लिया तुमने ॥उन रातों का क्या होगा उन ख्वाबों का हासिल क्या। पर सहर होने से पहले हीं किनारा कर लिया तुमने॥अभी तो शाम होनी थी अभी तो रात बाकी है। क्यूँ सूरज के ढलते हीं किनारा कर लिया तुमने ॥डूबने वाले को दरया में मयस्सर सहिल नहीं होता चलो अच्छा हुआ ये भी किनारा कर लिया तुमने ॥खबर है जहॉ में "सत्य" को सहारा कौन देता है ।सोच कर यही शायद खुद किनारा कर लिया तुमने॥ - Writing Of Manya18 23 FEB 2020 AT 22:34 पल दो पल के साथ से उम्रभर तन्हा होना अच्छा है क्यूकि दरार हो जिसमे वो सफीना साहिल पे ही डुब जाऐ तो अच्छा है - Khushboo Malviya 7 SEP 2017 AT 20:05 न सोना है न जगना है मुहब्बत के महीनों में फ़क़त मिलना बिछड़ना है मुहब्बत की ज़मीनों में ये लाली यूं बिखर जाये कि जैसे चाँदनी बिखरे तुम्हारा ख़्वाब हूँ मैं तो मगर तुम हो यकीनों में इशारा कर ज़रा तू भी यकीं हो कुछ मुहब्बत काचलो हम साथ चलते हैं किनारे तक सफीनों मेंसुना हैे चूमकर लौटी तसल्ली से मेरा आँगनतुझे पहचान जाता हूँ ज़माने की हसीनों में सुनो आना अगर जॉना गुलाबी होंठ कर जानाचलो पी लें ज़रा मय भी भटकते हैं पसीनो मेंसदा महका करें "खुशबू" मुहब्बत की बहारों में खिलेंगे रोज़ गुल यूं ही मुहब्बत की ज़मीनों में - Asad Akbarabadi 17 APR 2018 AT 21:47 कागज़ की कोई सफीना जैसा दिल था मिराउन झील सी आँखों में कब तक नहीं डूबता - Krishna Nagarkoti 9 AUG 2019 AT 12:21 किसी दिल के लिए यारों की महफ़िल छोड़ आये हैं।सफर की धुन में खोये हैं कि मंजिल छोड़ आये हैं।ज़रा से पेट की ख़ातिर, खेवैये गहरे दरिया में,सफ़ीना लेके उतरे और साहिल छोड़ आये हैं। - Rashma Bhanot 22 DEC 2020 AT 18:44 शफ़क़ की झील में आओ चलो चलें,हम लेकर सफीना मोहब्बत का, चढ़ा लें कुछ रंग हो दुनिया से दूर, खुद पर इक-दूजे की सोहबत का.. - SURENDER DOGRA 5 SEP 2020 AT 19:18 नाखुदा पे गद्दारी का इल्ज़ाम न आने देंगेहम खुद कर देंगे एक सुराख सफीने में । - Sanjaykumar Sahu 18 NOV 2017 AT 1:11 साहिलों को छोड़ मैं समंदर से बैर लेने निकला हूंमोहब्बत का सफ़ीना लेकर मैं तूफ़ानों से लड़ने निकला हूंअपनी इनायतों का हिसाब लेने निकला हूंआज किसी से कोई डर नहीं, क्योंकिमैं अपने सच्चे प्यार का जवाब लेने निकला हूं। - Nasim Aalam 12 MAY 2021 AT 10:29 बनकर के बादबाँ वो सफीने में रहता है,एक शख्स है जो मेरे सीने में रहता है। -